19. जाग्रत देवता

 

 वैशाखी पूर्णिमा के दिन इस महादेव को केन्द्र में रखकर सनातनपुर में प्रकाण्ड एक उत्सव मनाया जाता है। बहुत-से नर-नारी उस दिन शिव के माथे पर जल चढ़ाते हैं। शिव-शिव तथा हर-हर, बम-बम के नारों से वातावरण गुंजायमान हो जाता है। मुखर्जी परिवार इस उपलक्ष्य पर जात्रा-थियेटर आदि कराके ऋण-शोध करने का प्रयास करते हैं। चौधरी परिवार का मकान उसदिन जगमग रोशनियों से सजाया जाता है और सभी वहॉं भोज खाकर परितृप्त होते हैं। और एक घटना उस दिन घटती है- यही महादेव-महात्म्य का ज्वलन्त प्रमाण है- एक आदमी उस दिन पागल हो जाता है। प्रतिवर्ष ऐसा ही होता है। पागल भोलानाथ प्रतिवर्ष एक आदमी को अपने दल में खींच लेते हैं।